Description
मैं संगीता ग्रोवर सबसे पहले तो उस प्रभु की असीम कृपा की आभारी हूँ। सपने देखे मैने और पूर्ण ईश्वर ने किए। एक साधारण सी लड़की जिसे प्रभु ने बचपन से ही गाने और लिखने का शौक दिया था। आगे चलकर मेरा जीवन आधार होगा सोचा न था। मेरे जीवन का संघर्ष और हालात ही मेरे हर काम की प्रेरणा बने। जिन बातों को हम प्रत्यक्ष नहीं कह सकते वो सब लेखन में समाते गए। जीवन के कड़वे सच ही बस शब्द बन कर कागज पर उतरते गए। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अनुराधा प्रकाशन का भी धन्यवाद करती हूँ।
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