Description
सीखने की प्रक्रिया में व्यक्ति सरल तथ्यों को आसानी से सीख जाते हैं। जबकि कठिन तथ्यों को सीखने में समय लगता है। यह प्राकृतिक है। लेकिन यदि हम कठिन तथ्यों को किसी विषेश क्रम में व्यवस्थित करके सीखते हैं, तो आसानी से सीख जाते हंैं। जैसे- बालक को वर्णमाला के अक्षरों का ज्ञान कराने के लिए चित्रों या सजीव वस्तुओं को माध्यम बनाया जाता है। यह एक तकनीकी व्यवस्था है। चूँकि यह शिक्षा से सम्बंधित है, इसलिए इसे शैक्षिक तकनीकी के रूप में देखा जाता है। वैज्ञानिक आविष्कारों और तकनीकी विकास ने शैक्षिक व्यवस्था को एक नया रूप दिया है। जिसमें एक सामान्य कक्षा भी स्मार्ट कक्षा में तब्दील हो गई है। कम्प्यूटरीकृत सूचना संचार के माध्यमों से विचारों को बड़े पैमाने पर आदान प्रदान किया जाता है। जिससे वृहद स्तर पर ज्ञानार्जन होता है। इससे कार्य में सरलता तो होती ही है, साथ ही साथ समय की भी बचत होती है। कम्प्यूटर, टेलीवीजन, सीसीटीवी, रेडियो आदि ने शैक्षिक व्यवस्था को उन्नतिशील बनाया है। जिससे सीखने-सिखाने का कार्य सरल हो गया है।
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