Sale!

Pragatisheel Sahitya Ki Jimmedari by Markande, Ed. Durga Prasad Singh

Original price was: ₹300.00.Current price is: ₹270.00. incl. GST

Looking for coupon codes? See ongoing discounts

हिन्दी साहित्य में मार्कण्‍डेय की पहचान मुख्यतः कहानीकार के रूप में है 2-डी, मिन्टो रोड से सीधे जुड़े रहे लोग भी उन्हें एक बेहतरीन क़िस्सागो के रूप में ही याद करते हैं लेकिन देश और समाज-संस्कृति की लेकर उनकी चिन्ताएँ व ज़िम्मेदारी का भाव उन्हें कहानी से निर्बन्‍ध भी करता रहता और विचार-रूप में सीधे व्यक्त हो उठता यह पुस्तक मार्कण्डेय की इस पहचान को सामने लाती है।

इस पुस्तक की अन्तर्वस्तु का फैलाव साहित्य से लेकर राजनीति की हद तक है मार्कण्डेय यहाँ जिस चिन्तनधारा व इतिहासबोध को अपनाते हैं, वह आधुनिक समाज-विज्ञानों से आता तो है लेकिन अपने समाज की आन्तरिक स्थिति, ‘जन’ तथा ‘लोक’ से अन्तःक्रिया के साथ

इस पुस्तक में वैचारिक लेखों के आलावा ‘गोदान’ तथा अन्य ग्राम-उपन्यासों पर लिखे लेख तथा पुस्तक समीक्षाएँ भी शामिल हैं लोक-साहित्य पर दो लेख और दो भाव-चित्र हैं जो आधुनिक और प्रगतिशील दृष्टि को ही अपना प्रस्थान-बिन्दु बनाते हैं इस पुस्तक में मार्कण्‍डेय सर्वथा भिन्न रूप में पाठकों से रू-ब-रू होते हैं। मार्कण्डेय के साहित्य-संवाद का यह संस्करण ‘प्रगतिशील साहित्य की ज़िम्मेदारी’ पर खरा उतरता है।

—भूमिका से

5 in stock

Purchase this product now and earn 2 Reward Points!
Buy Now
SKU: 9788180319976 Category: Tag:
Report Abuse

Ready to ship in 1-2 business days


 

Shipping Policy

Our systems are being upgraded. Orders between 3 Mar and 7 Mar 2025 will be shipped from 8 Mar 2025 onwards.

Additional information

Weight 250 g
Dimensions 22 × 14 × 1 cm
Book Author

,

Publisher

Language

Pages

136

Binding

Condition

Reviews

There are no reviews yet.

Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.

Loading...

Seller Information

Product Enquiry