Description
लोग ही हैं जो हमें सफल बनाते हैं, और वे भी लोग ही हैं जो हमें असफल बनाते हैं।
यह किताब मैं अपने माता-पिता, दादी माँ और अपने भाई-बहनों को समर्पित करता हूँ क्योंकि उनकी सोच और साथ ने मुझे ऐसा बनाया कि मैं दूसरे लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकूँ। इस किताब को मैं अपने बीस साल के अनुभव से लिख रहा हूँ। दस साल का था तो बड़े सपने देखे थे। बीस साल बाद अपने सपनों तक पहुंचा हूँ। ग्राउण्ड लेवल की ज़िन्दगी, न कोई सोर्स, न कोई फोर्स। बीस साल का संघर्ष-मेरे सपने और मेरा जीवन !
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