Description
Media aur Mudde (मीडिया और मुद्दे )
देश के आजादी के दौरान पत्रकारिता की दुनियाँ में महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरु, अबुल कलाम आजाद तथा डा. आम्बेडकर का नाम सम्मान के साथ लिया जाता है। इन स्वतंत्रता संग्रामियों ने जहाँ एक ओर देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ा वहीं पर पत्रकारिता जगत में सेवा, सृजन तथा जागरुकता रुपी मूल्य स्थापित करके आने वाली पीढ़ी के लिए पथप्रदर्शक की भूमिका अदा किया। इस पुस्तक में सुधी पाठकों को कुछ महापुरुषों के नजरिये में पत्रकारिता के विषय में धारणीय और पाठनीय सामाग्री उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है। महापुरुषों के साथ-साथ वर्तमान दौर की पत्रकारिता का गाँवों, युवाओं, महिलाओं, उपेक्षित वर्गो, पर्यावरण तथा सत्ता से क्या लगाव है? उसके सकारात्मक तथा नकारात्मक रुख को स्पष्ट करने का प्रयास विभिन्न लघु लेखों के माध्यम से करने की कोशिश है। वर्तमान पत्रकारिता जगत की चुनौतियाँ तथा पेशे के जो सरोकार और मूल्य है उसमें किस कदर गिरावट हो रही है? प्रबुद्ध पाठक कुछ लेखों के माध्यम से आसानी से अवगत हो सकते है। आज की मीडिया का सोशल हो जाना इस पुस्तक की विशेष बात है। वर्तमान पीढ़ी इस प्लेटफार्म से जुड़ गई है या उसका मन इससे सम्बन्ध बनाने के लिए मचलता रहता है। इस लोकप्रिय सामाजिक मीडिया से संबंधित कुछ लेख पाठकों तथा लेखकों का ध्यान अपनी तरफ अवश्य आकर्षित करेंगे। जहाँ तक इस पुस्तक की बात है तो इसमें सामाग्री के चयन तथा विश्लेषण इस उम्मीद से किया गया है कि वह पाठकों तथा मीडियाकर्मियों में एक मौलिक तथा नैतिक नजरिया विकसित करेगा।बस हम इस उम्मीद के साथ अपनी बातों को विराम देते है कि आप जैसे विद्वत पाठकों और सुधीजनों का प्रेम और पठनीयता ही मीडिया और मुद्दे पुस्तक की सार्थकता तथा सफलता निर्धारित करेगी।
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