Description
प्रातःस्मरर्णीय स्व. माँ-बाबूजी एवं सभी आत्मीयजनों का आभारी हूँ, जिनका स्नेह-सहयोग, आशीर्वाद और शुभकामनाएं निरंतर मुझे मिलता रहा है। इसके साथ ही मैं अनुराधा प्रकाशन, दिल्ली के सर्वेसर्वा प्रखर साहित्यकार एवं निर्भीक पत्रकार श्रद्धेय श्री मनमोहन शर्मा ‘शरण’ जी और इस प्रकाशन से जुड़े सभी महानुभावों के प्रति हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।
कोरोना के कहर से हमारा प्यारा हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व ही तबाह है। किंतु जागरूक, सावधान एवं अनुशासित आदमी के साथ पुरुषार्थी कोरोना योद्धाओं के सतत जुझारू प्रयास से इस वैश्विक महामारी पर बहुत हद तक नियंत्रण पा लिया गया है। इसमें सामाजिक-दूरी का अनुपालन और लॉकडाउन के प्रति लोगों की जागरूकता ने बहुत बड़ा योगदान दिया है लॉकडाउन में बीते पल की अनुभूतियों को, जो मैंने देखा, सुना और समझा, शब्दों में सजाकर ‘लॉकडाउन और लेखनी’ के रूप में सुधीजन पाठकों की सेवा में प्रस्तुत करते हुए मुझे असीम आनंद का अनुभव हो रहा है.
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