Description
अर्विना जी का लघुकथा संग्रह “बाकी हैं उजाले” एक सकारात्मक सोच एवं संदेश के साथ रचा गया है। जीवन के विभिन्न पहलुओं को समाहित किए ये लघुकथा संग्रह एक सार्थक कदम है। अर्विना जी का साहित्य के क्षेत्र में ये पहला कदम उन्हें एक जिम्मेवार एवं संवेदनशील साहित्यकार साबित करने में सफल होगा। इस संग्रह की लघुकथाओं में संवेदनाएं है, देशभक्ति है, पूर्वजों के प्रति सम्मान है, सामाजिक कुरीतियों का विरोध है, राष्ट्रभाषा के प्रति प्रेम है, रिश्तोंं के मध्य जुड़ाव है तो नैतिकता का पाठ है।
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