Description
व्यंग्य और हास्य को एक साथ साधना, ‘सिद्ध’ करना सदा से बड़े बड़े रचनाकारों के लिए टेढ़ी खीर रहा है। कोई व्यंग्यकार के रूप में विख्यात हुआ, तो कोई कोई मँजा हुआ हास्यकार कहलाया। किन्तु, डॉ. ओम् जोशी उन विरले क़लमवीरों में अन्यतम हैं, जिनकी लेखनी से व्यंग्य के साथ साथ हास्य की धारा सहज प्रवाहित होती है। डॉ. जोशी की काव्यगंगा दशकों का अनुभव समेटे, उत्तुंग विद्धत् शिखरों की कसौटियों से मान्यता पाकर, कठिन और प्रायः असम्भव कीर्तिमानों को भंग करती हुई, प्रतिष्ठित पुरस्कारों और वैष्विक सम्मानों के घाटों को संस्पर्श करती हुई, नई सदी की चुनौतियों से प्रतिस्पर्धा करती हुई, आज सुयशदायिनी उपलब्धियों की ‘वाराणसी’ में शोभायमान है। यह उनके अथक परिश्रम और अडिग संकल्पशीलता का ही सुपरिणाम है।
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