Description
प्रणय के सपनों में : प्रणयपरक विलक्षण कुण्डलियाँ प्रणय ही रसमय और मधुरतम स्वर्णिम जीवन का हिमालयी आधार है । प्रणय समस्त संसार का अनघ सौन्दर्य भी है । वस्तुतः प्रणय ही जीवनदाता भी है । विश्वकीर्तिमानक डॉ. ओम् जोशी ने ‘प्रणय के सपनो में’ शीर्षक से प्रणयपरक दो सौ ग्यारह अनुपम से अनुपम, विलक्षण और कल्पनातीत कुण्डलियों की रचना की है । वस्तुतः ‘प्रणय के सपनों में’ हिन्दी पद्य विधा का अकल्पनीय और अनूठे से अनूठा काव्यप्रयोग भी है । आज के इस आपाधापी भरे वर्तमान में, जहाँ केवल स्वार्थ, अहंकार, कटुता, शत्रुता, कलुषता, निर्दयता और असहजता का साम्राज्य निखिल विश्व में प्रायः सर्वत्र विद्यमान है, वहीं विश्वकीर्तिमानक डॉ. ओम् जोशी की असाधारण से भी असाधारण, अनुपमेय से भी अनुपम प्रणयकृति विशेष ‘प्रणय के सपनों में’ ज्वालामुखी पर सहस्रों हिमशिलाओं जैसी सर्वसुखद, शीतलतम और अमृतमय आभास देती है ।
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