Description
मैं कल्पना में आए उन सभी प्राकृतिक दृश्यों, पशु-पक्षियों और मित्रों का हृदय से आभारी हूं जिनके सौंदर्य, हाव- भाव और चेस्टाएँ कवित्व के अंकुरण में मेरे सहायक सिद्ध हुए । प्रस्तुत काव्य संग्रह ‘परिणाह ‘ आप सभी सुधी पाठकों के बीच स्नेह और आशीर्वाद की इच्छा लिए प्रस्तुत है इसके संबंध में आए प्रत्येक सुझाव और आलोचनाओं का मैं सहृदयता से स्वागत करूंगा । मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस संदर्भ में सुधी पाठकों का आत्मीय और बहुमूल्य सुझाव मुझ तक पहुंचेगा ।
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