Description
रामानुज अनुज जी की लंबी कहानी ‘मृणालिनी ‘ की बात करूं तो वह पाठक को ऐसी बांधती है कि पढ़ चुकने के बाद भी वह उससे संवेदना के स्तर पर बराबर जुड़ाव महसूस करता रहता है। मृणालिनी ऐसी भारतीय स्त्री है जिसने तीस बरसों से अपने पहले प्रेम को अपने मन की तिजोरी में सहेज रखा है। अपने प्रेमी ओम नारायण श्रीवास्तव से दूर रहने के दर्द को अकेले झेलती रही है। न वह अपने पति डॉ. अमरेंदु को बता सकती और न ही अपनी डॉक्टर बेटी सौम्या को। क्योंकि वह जानती है कि पुरुषवादी समाज में पुरुष के लिए प्रेम का प्रदर्शन पौरुषोचित माना जाता है खबर अखबार के मुख पृष्ठ पर पढ़ कर मृणालिनी बुरी तरह से टूट जाती है।
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