Gora by Ravindranath Thakur, Tr. Devraj
Original price was: ₹399.00.₹359.00Current price is: ₹359.00. incl. GST
Looking for coupon codes? See ongoing discountsभारतीय मनीषा के आधुनिक महानायक रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने ‘गोरा’ की रचना एक शताब्दी पहले की थी और यह उपन्यास भारतीय साहित्य की पिछली पूरी शताब्दी के भीतर मौजूद जीवन-रेखाओं के भीतरी परिदृश्य की सबसे प्रामाणिक पहचान बना रहा। वर्तमान विश्व के तेज़ी से घूमते चक्र में जब एक बार फिर सभी महाद्वीपों के समाज इस प्राचीन राष्ट्र की ज्ञान-गरिमा, चिन्तन-परम्परा तथा विवेक पर आधारित नव-सृजन-शक्ति की ओर आशा-भरी दृष्टि घुमा रहे हैं, तो ‘गोरा’ की ऊर्जस्वी चेतना की प्रासंगिकता नए सिरे से अपनी विश्वसनीयता अर्जित कर रही है।
आज हम भारतीय साहित्य की परिकल्पना को लेकर जिस आत्म-संघर्ष से गुज़र रहे हें, उसे रवीन्द्रनाथ के विचारों और उनके ‘गोरा’ के सहारे प्रत्यक्ष करने का प्रयास किया जा सकता है। ‘गोरा’ की भाषिक संरचना और इसकी सांस्कृतिक चेतना भारतीय साहित्य की अवधारणा के नितान्त अनुकूल हैं। इस उपन्यास में रवीन्द्रनाथ ने पश्चिम बंग की साधु बांग्ला, पूर्वी बांग्ला (वर्तमान बांग्लादेश) की बंगाल-भाषा, लोक में व्यवहृत बांग्ला के विविध रूपों, प्राचीन पारम्परीण शब्दों, सांस्कृतिक शब्दावली, नव-निर्मित शब्दावली आदि का समन्वय करके एक बहुत अर्थगर्भी कथा-भाषा का व्यवहार किया है। भौगोलिक शब्दावली के लोक प्रचलित रूप भी ‘गोरा’ की कथा-भाषा की सम्पत्ति हैं। इसी के साथ रवीन्द्रनाथ ने ‘गोरा’ में अपनी कविता और गीत पंक्तियों तथा बाउल गीतों व लोकगीतों की पंक्तियों का प्रयोग भी किया है। अनुवाद करते समय कथा-भाषा तथा प्रयोगों के इस वैशिष्ट्य को महत्त्व दिया गया है।
‘गोरा’ में कितने ही ऐसे विभिन्न कोटियों के शब्द और प्रयोग हैं, जिनके सांस्कृतिक, भौगोलिक, ऐतिहासिक और लोकजीवन के दैनिक प्रयोगों से जुड़े सन्दर्भों को जाने बिना ‘गोरा’ का मूल पाठ नहीं समझा जा सकता। अनुवाद में इनके प्रयोग के साथ ही पाद-टिप्पणियों में इनकी व्याख्या कर दी गई है।
अब तक देशी या विदेशी भाषाओं में ‘गोरा’ के जितने भी अनुवाद हुए हैं, उनमें से किसी में भी यह विशेषता मौजूद नहीं है।…और यह ‘गोरा’ का अब तक का सबसे प्रामाणिक अनुवाद है।
10 in stock
- Shipping
- Additional information
- Reviews (0)
- Questions & Answers
- Seller Info
- More Products
- Product Enquiry
Additional information
Weight | 360 g |
---|---|
Dimensions | 22 × 14 × 3 cm |
Book Author | |
Publisher | |
Language | |
Pages | 416 |
Binding | |
Condition |
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
Seller Information
- Store Name: Rajkamal Prakashan
- Seller: Rajkamal Prakashan
- No ratings found yet!
-
Pipal Tole Ke Launde by Ishan Trivedi
₹125.00 incl. GST Buy NowAdd to cart -
Bharat Mein Bhakti by Ed. Sujit Kumar Singh, Nitesh Upadhyay
Sale! Original price was: ₹700.00.₹595.00Current price is: ₹595.00. incl. GST Buy NowAdd to cart -
Pauranik Parampara Me Striyon Ka Sampattik Adhikar by Dr. Harsh Kumar
Sale! Original price was: ₹650.00.₹553.00Current price is: ₹553.00. incl. GST Buy NowAdd to cart -
Hamari Umra Ka Kapas by Hemant Deolekar
₹199.00 incl. GST Buy NowAdd to cart -
Hindi Sahitya Ka Samagra Itihas by Ramkishor Sharma
Sale! Original price was: ₹350.00.₹315.00Current price is: ₹315.00. incl. GST Buy NowAdd to cart -
Gapodi se Gapshap : Kashinath Singh se Samvad by Ed. Pallav
Sale! Original price was: ₹400.00.₹360.00Current price is: ₹360.00. incl. GST Buy NowAdd to cart
Reviews
There are no reviews yet.