Gandi Baat by Kshitiz Roy

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एक लड़का था—कुछ लोफर, लफुआ, दीवाना-सा! जिसका दिल था नए रैपर में वही पुराना—शहीदाना। शहर पटना पूरा अपना लगे उसे!

लड़की थी अलबेली-सी, सोचने का कारख़ाना, हिम्मत की एनीटाइम लोडेड गन जैसी, पुरानी जीन्स और एकदम नया गाना!

दिल्ली शहर में मौसम था अन्ना आन्दोलन का,

चुनाव के घुमड़ रहे थे बादल।

डेजी आई पढ़ने एलएसआर में। बन गई ड्रमर।

गोल्डन आया डेजी के पीछे बावला। बन गया ड्राइवर।

दोनों थे ख़ालिस ग़ैर-राजनीतिक युवा।

 

पढ़िए उन्हीं के घोर राजनीतिक रोमांस की दिलचस्प दास्ताँ, जिसमें उनकी निजता में शहर, समाज और परिस्थितियाँ दे रही हैं बराबरी से दख़ल…जहाँ कुछ भी नहीं है निश्चित और अनिश्चित ही है उनका

सबसे बड़ा रोमांस…

                 

जिसे कहते हैं सब गंदी बात,

क्या होती है वाक़ई वह

गंदी-सी कोई बात!

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SKU: 9788183618335 Category: Tag:
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Weight 150 g
Dimensions 22 × 14 × 1 cm
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136

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